
00 विपक्षी विधायक ने सदन में जताया संदेह, कहीं हाथियों की मौत के पीछे कोई अंतरराष्ट्रीय गिरोह तो नहीं
रायपुर। विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान आज दूसरे दिन वनमंत्री मोहम्मद अकबर से हाथियों की मौत का मामला गूंजा। पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से मुद्दा उठाते हुए हाथियों की मौत के कारण को लेकर वन विभाग के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया। इस आरोप को नकारते हुए वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि लापरवाही की वजह से हाथियों की मौत हुई, कहना सही नहीं। मौत के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है।हाथियों की मौत पर ध्यानाकर्षण पर चर्चा के दौरान बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि गंभीर विषय है। क्या कोई अंतराष्ट्रीय गैंग नहीं है? हाथी का शिकार हो सकता है तो किसका नहीं हो सकता। ये शर्मशार करने वाली घटना है। 6 से ज़्यादा मौत बलरामपुर सूरजपुर में कैसे। मुझे शक है कि अंतरराष्ट्रीय गिरोह काम कर रहा है। जवाब में मंत्री अकबर ने कहा कि पिछले 12 साल में 156 हाथी मरे हैं। हाथियों के रहवास में पानी की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जा रहा है। खरपतवार–लेंटाना, गाजर घास को हटाया जा रहा है। लगातार विचरण के कारण नहीं हो रहा है। इस पर बृजमोहन ने कहा कि तमोर पिंगला को डेवलप नहीं किया गया। आज तक उसका क्रियान्वयन नहीं हुआ। ठोस कार्ययोजना बनानी होगी। इस पर मंत्री ने कहा कि माइक पाण्डेय की क्या कार्ययोजना है उसे दिखवा लूंगा।
अजय चंद्राकर ने कहा कि मैं आपकी प्रशंसा करता हूँ कि आपने सुझाव मांगे, लेकिन कब तक कार्ययोजना बनाएंगे? कोई कमिटमेंट देंगे क्या। इस पर अकबर ने कहा कि 15 साल की सरकार भी कमिटमेंट की स्थिति में नहीं रही। हाथी एक स्थान पर नहीं रहते हैं, बल्कि लगातार स्थान बदलते रहते है। कुनकी हाथी कुछ नहीं कर पाया। 5 कोल ब्लॉक रख दिया है। मुख्यमंत्री ने भारत सरकार से लिखित अनुरोध किया है। बृजमोहन ने कहा कि हर बार नए अधिकारी बन जाते हैं। नए अधिकारियों को देश भर अध्ययन के लिए भेजें, जिससे वे लंबे समय तक काम कर सके।
चर्चा में भाग लेते हुए नारायण ने कहा कि सुनियोजित तरीके से हो रही वनों की अवैध कटाई रोकना होगा। हाथियों की मौत हुई हैं उसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। इस पर मंत्री ने कहा कि उच्च स्तरीय जांच की आवश्यकता नहीं है। विभाग ने कार्रवाई की है। इस पर अध्यक्ष डॉ. महंत ने कहा कि मेरी जानकारी के मुताबिक नेपाल से सिरपुर तक हाथियों का कॉरिडोर है। इसमें और अध्यन्न करना होगा। लेमरू को जितनी जल्दी हो सके बनवा दें। कोयले कोयले का खनन रोकिए। हमारे पास 100 साल का कोयला इतना है कि हमें और खदान की ज़रूरत नहीं है।